प्रयोग करते समय ऐसीटिलीन गैस को पहले खोलकर जेट के मुँह पर उसे जला दिया जाता है, फिर ऑक्सीजन के सिलिंडर का बाल्व धीरे-धीरे इतना खोला जाता है कि जिससे उचित प्रकार की लौ बन जाए।
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प्रयोग करते समय ऐसीटिलीन गैस को पहले खोलकर जेट के मुँह पर उसे जला दिया जाता है, फिर ऑक्सीजन के सिलिंडर का बाल्व धीरे-धीरे इतना खोला जाता है कि जिससे उचित प्रकार की लौ बन जाए।